Computer Hardware in Hindi
कंप्यूटर एक ऐसा उपकरण बन गया है जिसका इस्तेमाल सभी जगह हो रहा है हो भी क्यों न कंप्यूटर घंटो का काम कुछ ही समय में कर देता है आप कही भी जाते है आपको कंप्यूटर देखने को मिल ही जाता है। जैसे जैसे कंप्यूटर बढ़ रहा है सब कुछ डिजिटल होते जा रहा है। मानलीजिए अगर आपका किसी प्रकार का स्टोर है तब भी आपको बिलिंग के लिए कंप्यूटर की आवश्यकता जरूर पड़ती है।
परन्तु किसी कारण से अगर आपका कंप्यूटर के कोई पार्ट्स ख़राब हो जाता है। उस इस्तिथि में अगर आपको कंप्यूटर के बारे में जानकारी है जैसे कंप्यूटर में कौन कौन से पार्ट्स लगे होते है और उन सभी पार्ट्स का काम क्या होता है। तो आप कंप्यूटर को अपने हाथों से कुछ ही सेकंड के अंदर फिक्स कर सकते है। क्योकि कंप्यूटर के सभी पार्ट्स को बदल सकते है डेस्कटॉप कंप्यूटर में कोई भी ऐसा पार्ट्स नहीं है जिसको हम बदल नहीं सकते है। इसलिए मैं आज के इस पोस्ट में कंप्यूटर के सभी इंटरनल पार्ट्स के बारे में बताऊंगा।
तो चलिए अब हम कंप्यूटर के विभिन्न अंगों के बारे में एक एक करके समझते है।
आज इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर के अंदर लगने वाले पार्ट्स के बारे में ही सिर्फ जानेंगे। जिसे इंटरनल डिवाइस भी कहा जाता है। अगर आप कंप्यूटर के एक्सटर्नल यानि बाहरी लगने वाले पार्ट्स जैसे Output और इनपुट डिवाइस के बारे में जानना चाहते है तो उससे सम्बन्धी पोस्ट मैं पब्लिश कर चूका हूँ जिसको आप हमारे ब्लॉग पर पढ़ सकते है।
कंप्यूटर के अंदर विभिन्न प्रकार के पार्ट्स को इनस्टॉल किया जाता है। जिसको हम खुद से भी इनस्टॉल कर सकते है। और इन सभी पार्ट्स को नीचे दिया गया है जिसके बारे में आप एक एक करके जानकारी ले सकते है।
तो कंप्यूटर में लगे हार्डवेयर जिसे SMPS कहते है और इसका फुल फॉर्म (Switch Mode Power Supply) होता है। एसएमपीएस का मुख्य काम होता है कंप्यूटर के कैबिनेट केस के अंदर लगे सभी पार्ट्स को उसके आवश्यकता के हिसाब से पावर को सप्लाई करना है जब हम अपने कंप्यूटर को पावर देते है तब सबसे पहले पावर सप्लाई एसएमपीएस के पास होता है।
उसके बाद एसएमपीएस AC पावर को DC में कन्वर्ट करता है उसके बाद वो मोठेर्बोर्ड और बाकि सभी कॉम्पोनेन्ट को पावर सप्लाई करता है। एसएमपीएस 240वाल्ट को ओब्ज़र्ब करता है।
रैम की फुल फॉर्म (Random access Memory) होता है जब हम कंप्यूटर में कोई सॉफ्टवेयर को इंसटाल करते है तब वो कंप्यूटर के हार्डडिस्क में जाकर सेव होती है जब हम किसी भी सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में रन करते है तब वो कंप्यूटर से रैम में लोड हो जाती है जिसके बाद रैम उसको एक स्पेस प्रोवाइड कराती है काम करने के लिए। इसलिए हमारे डिवाइस में जितना ज्यादा रैम होगा। उतना ही ज्यादा एप्लीकेशन को हम एक साथ रन करा सकते है।
इसलिए कभी कभी हम ऐसे एप्लीकेशन को रन करते है जिसका रेक्विरेमेंट 3GB है और हमारे सिस्टम की रैम 2GB तब उस इस्तिथि में सिस्टम हैंग होने लगता है।
मदरबोर्ड को प्रिंटेड सर्किट बोर्ड भी कहा जाता है और इसके साथ ही इसको लॉजिकल बोर्ड और सिस्टम बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है और ये कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है मदरबोर्ड में कंप्यूटर के सभी भाग जुड़ा रहता है। जैसे BIOS, CMOS, Hardisk, Graphic Card, इत्यादि। और ये सभी कॉम्पोनेन्ट डेडिकेटेड पोर्ट से जुड़े होते है जिसे हम बदल भी सकते है।
सीपीयू जिसे Central Processing Unit के नाम से जाना जाता है। इसके आलावा इसको माइक्रोप्रोसेसर, और प्रोसेसर भी कहता है कुछ लोग ऐसे Brain of Computer भी कहते है CPU का काम होता है हमारे दिए गए इंस्ट्रकशन को फॉलो करना यानि जब हम कंप्यूटर को इनपुट देते है वो सीधा सीपीयू के पास जाता है जिसके बाद सीपूयू उस इंस्ट्रकशन यानि इनपुट पर जरुरी ऑपरेशन कर हमें आउटपुट प्रदान करता है
हार्ड डिस्क जिसको हार्ड ड्राइव के नाम से भी जाना जाता है ये एक स्टोरेज डिवाइस है जो कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है कंप्यूटर के अंदर जितने भी सॉफ्टवेयर होते है वो स्टोरेज डिवाइस यानि हार्डडिस्क के अंदर स्टोर होते है, ये एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी भी है जिसके अंदर मैकेनिकल पार्ट्स होते है। और इसमें डाटा को स्टोर करने के लिए प्लाटर लगे होते है।
जिसके ऊपर एक Read/Write arm लगा होता है जिसका काम होता है डाटा को Read करना और write करना। चुकी ये एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी है इसलिए पावर ऑफ़ होने के बावजूद डाटा सुरक्षित रहते है।
ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव कंप्यूटर का एक ऐसा पार्ट है जिसका इस्तेमाल CD/DVD को Read और Write करने के लिए करते है। जब हम ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव के अंदर CD/DVD को इन्सर्ट करते है उसके वो डिस्क Spin करती है और ऑप्टिकल डिस्क के अंदर लगे लेज़र बीम की हेल्प वो उस डिस्क को Read और Write कर पता है।
हीट सिंक वह उपकरण है जिसको कंप्यूटर के मदर बोर्ड के ऊपर लगे CPU के ऊपर लगाया जाता है। जिससे सीपीयू ज्यादा गर्म न हो। जब हम कंप्यूटर को रन करते है उसके कुछ समय बाद प्रोसेसर हीट होने लगता है। और इसको ज्यादा हीट होने से बचाने के लिए प्रोसेसर के ऊपर लगा हीट सिंक प्रोसेसर की गरमी को Observe यानि अपने अंदर खींच लेता है। और हीट सिंक के साथ लगा फैन उस गरमी को बाहर कर देता है। जिससे प्रोसेसर ज्यादा गर्म नहीं होता है।
ग्राफ़िक कार्ड एक कंप्यूटर में लगाने वाला हार्डवेयर डिवाइस होता है जो हमारे डेस्कटॉप और लैपटॉप में होता है और इसके साथी ही ये स्मार्टफोन में भी होता है अगर लैपटॉप की बात की जाये तो लैपटॉप में ग्राफ़िक कार्ड कंपनी की तरफ से ही दी जाती है अगर आपका डेस्कटप कंप्यूटर है और उसमे ग्राफ़िक कार्ड लगाना चाहते है तो मार्केट में आपको कई प्रकार के ग्राफ़िक कार्ड मिल जायेंगे।
जिसको आप अपने डेस्कटप कंप्यूटर में इन्सटॉल कर सकते है वही अगर स्मार्टफोन में ग्राफ़िक कार्ड पहले से इनबिल्ड आते है इसलिए इन्हे अलग से ग्राफ़िक कार्ड को निहि लगा सकते है। परन्तु डेस्कटॉप कंप्यूटर में इसके लिए अलग से स्लॉट दिया जाता है जिसको PCI स्लॉट के नाम से जानते है।
आशा है आपको Computer Hardware in Hindi के बारे में अच्छे से समझ आ गया है अगर आप इस लेख को अच्छे से समझ गए है तो निचे कमेंट जरूर करे। इसके साथी ही अगर आप Computer के बारे में और ज्यादा जानना चाहते है तो मैं अपने ब्लॉग पर पहले से ही कई सारे बातों को बताया है। अगर आप ऐसी ही पोस्ट की जानकारी अपने ईमेल के दौरा पाना चाहते है उसके लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कर सकते है।
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